
यी दिल्ली, 13 जुलाई। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी) ने गंगा में कचरा फेंकने पर सख्त फैसला लेते हुए आज कहा कि हरिद्वार से उन्नाव के बीच गंगा नदी में कचरा फेंकने वाले पर 50 हजार रूपये का जुर्माना ठोका जाये। प्राधिकरण ने गंगा नदी के किनारे किये जा रहे विकास पर कड़ा रवैया अपनाते हुए नदी के 100मीटर क्षेत्र को नो डेवलपमेंट जोन घोषित किया है। एनजीटी के इस फैसले के बाद इस दायरे में किसी प्रकार का निर्माण या विकास कार्य नहीं किया जा सकेगा। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने अपने आदेश में कहा कि हरिद्वार से उन्नाव के मध्य बह रही गंगा नदी के तट पर 500 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का कचरा नहीं फेंका जाये और ऐसा करने वालों पर 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाने को कहा है। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश को हिदायत दी है कि जाजमऊ से उन्नाव के बीच स्थित चमड़े के कारखानों को 6 सप्ताह के भीतर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाये।
प्राधिकरण ने 543 पेज वाले अपने इस निर्णय के अनुपालन पर निगरानी के लिये एक पर्यवेक्षक समिति का गठन भी किया है। पीठ ने बताया कि गंगा की सफाई पर केन्द्र सरकार अब तक करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं और फिलहाल और धन व्यय नहीं करने का निर्देश दिया है।