भारत-चीन तनाव पर सर्वदलीय बैठक आज…

नयी दिल्ली,13 जुलाई। सरकार ने सिक्किम क्षेत्र में सीमा पर चीन के साथ चल रहे तनाव पर जानकारी देने के लिए कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है, भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से बुलाई गई इस बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। इसमें विपक्षी दलों को सीमा पर तनाव तथा इस बारे में सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। बैठक में कश्मीर के हालात से भी अवगत कराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार बैठक के बारे में लोकसभा और राज्यसभा में सभी दलों के प्रतिनिधियों को इसकी सूचना भेजी गई है। बैठक में कुछ अन्य केन्द्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब विपक्षी दल भारत-चीन तनाव तथा कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालात पर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां तक कहा है कि भारत चीन सीमा और कश्मीर के मौजूदा हालत के लिए मोदी सरकार ही जिम्मेदार है। डोकलाम में भूटान-चीन और भारत की सीमा लगती है। चीन की सेना की ओर से इस क्षेत्र में सड़क निर्माण की कोशिश करने पर गत महीने से ही यहां भारत और चीन की सेनाओं के बीच तगड़ा गतिरोध पैदा हो गया है। इस क्षेत्र का हिन्दी नाम डोका ला है, जिसे भूटान ने डोकलाम के नाम से मान्यता दे रखी है जबकि चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है। भारत ने यहां सड़क बनाए जाने के चीन के प्रयास का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि चीन के साथ 2012 में हुए समझौते में किसी तीसरे देश के सीमा वाले क्षेत्र में सीमा का फैसला तीनों देशों की सीमा से होना तय किया गया है। चीन के इस क्षेत्र पर सड़क बनाने पर भूटान ने एतराज जताया है और भारत के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते के अनुरूप उससे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया जिसके बाद ही भारत -चीन के बीच तनाव पैदा हो गया। डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध पर चीन की तरफ से लगातार उकसावे वाले बयान आ रहे हैं। इससे पहले चीन के एक सरकारी अखबार के संपादकीय में सीधे-सीधे धमकी देते हुए लिखा गया था कि भारत को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि भारत डोकलाम से अपने सैनिक हटा ले।

 

चीनी सरकार के मुख्यपत्र माने जाने वाले पीपुल्स डेली ने भी अपने संपादकीय में क्षेत्रीय उकसावे को लेकर भारत को चेतावनी दी है। उधर भारत सरकार ने साफ कह दिया है कि वह इन धमकियों के आगे झुकने वाली नहीं है और अब स्थितियां 1962 में हुए भारत चीन युद्ध जैसी नहीं रह गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *