पांच साल में 70 लाख को रोजगार देगी योगी सरकार…

लखनऊ, 15 जुलाई। उत्तर प्रदेश सरकार अगले पांच सालों में 70 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया करायेगी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां तीसरे विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आगामी पांच वर्षों में प्रदेश सरकार का 70 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य है, जिसमें से 10 लाख लोगों को रोजगार व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के माध्यम से दिया जाना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कृषि, डेयरी, लघु उद्योग, औद्योगिक विकास आदि सभी विभागों को बेहतर समन्वय के साथ प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में रेडीमेड गॉरमेन्ट, मोबाइल रिपेयरिंग, फूड प्रोसेसिंग आदि में रोजगार की बड़ी सम्भावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में कौशल विकास के प्रयास होने चाहिए। नौजवानों को कौशल विकास से होने वाले लाभ के प्रति जागरूक किए जाने की भी आवश्यकता है।श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2014 में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना लागू करने के साथ ही, पहली बार अलग से कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया गया, जो सभी विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है। पूर्व में भी डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र देने के अनेक संस्थान एवं कार्यक्रम रहे हैं, लेकिन ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं था, जो परम्परागत व्यवसाय करने वाले लोगों का कौशल विकास कर सके। मुख्यमंत्री ने व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की 101 विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। कौशल विकास प्रदर्शनी का उदघाटन तथा सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। लोकार्पित परियोजनाओं में छह नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के नवीन भवन, दस संस्थानों में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र, 25 संस्थानों में आईटी लैब, 35 संस्थानों में स्मार्ट क्लास, 04 संस्थानों का जीर्णोद्धार तथा 17 संस्थानों में नवनिर्मित कार्यशाला एवं थ्योरी कक्षाएं शामिल हैं। शिलान्यास की गई परियोजनाओं में 03 संस्थानों में ऊर्जा संयंत्र की स्थापना एवं राजकीय शिल्पकार अनुदेशक प्रशिक्षण संस्थान, सुल्तानपुर सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री ने कौशल विकास प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रगति के रास्ते हमेशा खुले होते हैं धरती पर कोई भी अयोग्य नहीं, केवल ऐसे योजक की आवश्यकता है, जो उसे दिशा दे सके। राज्य सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग देश के सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले प्रदेश के नौजवानों को कौशल विकास के माध्यम से दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। युवाओं को कुशल बनाकर उनके जीवन को दिशा देना गौरव की बात है। कौशल में पारंगत व्यक्ति के लिए देश और दुनिया में प्रगति के रास्ते हमेशा खुले होते हैं। ऐसा व्यक्ति कहीं भी रहकर अपनी आजीविका प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम के दौरान व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग एवं राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स, भीलवाड़ा (राजस्थान) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर पर खुशी जताते हुए श्री योगी ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा विभाग का यह कार्य सराहनीय है। एमओयू के तहत राजस्थान स्पिनिंग एवं वीविंग मिल्स चार साल में 26 हजार प्रशिक्षणार्थियों को टेक्सटाइल, रिटेल, आईसीटी और एपैरल सेक्टर में प्रशिक्षित कर सेवायोजित करने का कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित टेक्सटाइल मिल्स के साथ भी ऐसे करार किए जाने चाहिए। कृषि के बाद टेक्सटाइल ही सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराने वाला क्षेत्र है। प्रदेश में इस क्षेत्र में विकास की व्यापक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बंद टेक्सटाइल मिलों को संचालित किए जाने की जरूरत है। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
राज्य में इस सत्र से 26 नये आईटीआई क्रियाशील किए जाने पर प्रसन्नता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे 17 हजार 500 और अधिक छात्रों को प्रशिक्षण के लिये इन संस्थानों में प्रवेश का मौका मिलेगा। प्रदेश में कुल 606 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इनके मुकाबले पॉलीटेक्निक कॉलेजों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या काफी कम है। प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज पर पांच पॉलीटेक्निक और प्रत्येक पॉलीटेक्निक पर पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होने चाहिएं। इस प्रकार प्रदेश में कम से कम 15 हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होने चाहिएं। प्रथम स्तर पर तहसील स्तर पर एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए और उसके बाद प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर भी एक प्रशिक्षण संस्थान होना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में छात्रों को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार मुहैया कराया जा सकेगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया आदि जो प्रयास शुरु किए गए हैं, प्रदेश सरकार उन्हें साकार कर रही है।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार माध्यमिक और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में भी रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों को शामिल करने पर विचार कर रही है, जिससे प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति व्यावसायिक रूप से भी कुशल हो। इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि विश्व युवा कौशल विकास दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम उन सभी युवाओं को समर्पित है, जिनके कौशल से देश और समाज का विकास होता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल 10 प्रतिशत युवा ही स्किल्ड हैं,इसलिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि अधिक से अधिक युवाओं को हुनरमंद बनाया जाए। इसके लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ ही कौशल विकास मिशन के माध्यम से भी युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक परिवार के कम से कम एक इच्छुक युवा को प्रशिक्षित किया जाए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की परिचय पुस्तिका ‘एक राह कुशलता की, एक लक्ष्य सफलता काÓ तथा अन्य प्रचार सामग्री का विमोचन किया। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा अनुबंधित एक प्लेसमेंट एजेंसी के मोबाइल एप ‘मेरा हुनरÓ का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर आईटीआई के ब्राण्ड एम्बेसडर के रूप में श्री गुरुमुख सिंह को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने राजकीय एवं निजी प्रशिक्षण संस्थाओं के 88 मेधावी प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया एवं विभिन्न निजी नियोजकों द्वारा चयनित आईटीआई और कौशल विकास मिशन के प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया।

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