
अधिकारियों-कर्मचारियों से की पूछताछ, खंगाले जा रहे कैमरे
लखनऊ, 15 जुलाई। विधानसभा सदन में विस्फोटक पीईटीएन पाउडर पाए जाने की जांच पड़ताल में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने शनिवार को दोपहर फिर सघन तलाषी अभियान चलाया। लगभग 20-22 की संख्या में पहुंची जांच टीम के सदस्यों ने सदन के अंदर और सदन के आसपास के कार्यालयों की भी पड़ताल की। एनआईए और एटीएस की टीम लगभग चार घंटे तक विधानभवन में रहीं। मार्शल और विधानसभा सचिवालय के कुल कर्मचारियों से टीम ने आवष्यक जानकारी भी जुटायी। एटीएस के अधिकारियों ने ड्यूटी पर तैनात 15 अफसरों, कर्मचारियों से भी पूछताछ की। एटीएस ने विधानसभा के एक असिस्टेंट मार्षल विधानसभा, चार इंजीनियरों, दो सुरक्षाकर्मियों, एक एसी आपरेटर सहित चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से पूछताछ की। इसके साथ ही विधानभवन परिसर में कुल 23 कैमरों जिनमें 12 कैमरे परिसर में, छह कैमरे भवन मंडल में, दो कैमरे सत्ता और विपक्ष के आवागमन गेट तथा सदन के भीतर स्थापित दूरदर्षन के तीन कैमरों की रिकार्डिंग लेकर गहनता से खंगालने की कार्यवाही की जा रही है। इस बीच शुक्रवार को शाम सदन में जांच पड़ताल के दौरान पान मसाले के खाली पाउच में फिर पाउडर मिलने की घटना ने मामले को और गंभीर बना दिया है। इसे भी जांच के लिए भेजा गया है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेषक, अपर पुलिस महानिदेषक सुरक्षा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ के साथ फिर उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में विधानभवन की सुरक्षा व्यवस्था संसद भवन की तर्ज पर किये जाने के बारे गंभीरता से विचार विमर्ष किया गया। विधानभवन के अंदर पार्किंग व्यवस्था दुरूस्त करने, निष्प्रयोजन वाहनों को परिसर से बाहर किये जाने के साथ-साथ विधायकों के वाहनों को पार्किंग में ही खड़ी करने का निर्णय लिया गया है। विधानभवन के अंदर कूड़ा-करकट को तत्काल हटाये जाने, पूरे परिसर में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था रखने और परिसर के अंदर फायर सिस्टम तथा उच्च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का भी निर्णय लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक विधानभवन की सुरक्षा चाक-चौबंद रखने के मकसद से सभी प्रवेष और निकास द्वारों पर सचिवालय सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ पीएसी और औद्योगिक सुरक्षा बलों के सषस्त्र जवानों को भी तैनात किये जाने पर विचार विमर्ष किया गया है।