
नयी दिल्ली, 16 जुलाई। देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिये सोमवार को होने वाले चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच सीधा मुकाबला है। राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में विभिन्न दलों की स्थिति देखी जाये तो विपक्ष की ‘मीराÓ पर राजग प्रत्याशी ‘रामÓ(नाथ) का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। श्री कोविंद को सत्तारूढ़ राजग के साथ-साथ जनता दल यू, बीजू जनता दल (बीजद), अन्नाद्रमुक, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सहित कई छोटे दलों का भी समर्थन मिलता दिख रहा है, जबकि श्रीमती कुमार के पक्ष में कांग्रेस के अलावा 16 अन्य दलों का समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अप्रत्याशित फैसले में दलित समुदाय के नेता और बिहार के पूर्व राज्यपाल श्री कोविंद के नाम की घोषणा की तो विपक्ष ने भी इसी समुदाय का उम्मीदवार उतारने का फैसला किया और श्रीमती कुमार के नाम पर सहमति बनी। श्री कोविंद को उम्मीदवार बनाकर श्री मोदी ने विपक्ष में भी दरार पैदा कर दी। बिहार में महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर रहे जनता दल-यू ने श्री कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया । राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन के अलावा सभी राज्यों के विधानमंडलों में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। संसद के कक्ष संख्या 62 में मतदान होगा। राज्यों में भी चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सांसदों के मतपत्र हरे रंग और विधायकों और विधान पार्षदों के मतपत्र गुलाबी रंग के हैं। मतों की गिनती 20 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को अपना पद भार संभालेंगे। राष्ट्रपति का चुनाव ‘इलेक्टोरल कॉलेजÓ द्वारा किया जाता है, जिसमें देश के सांसद एवं विधायक मतदान करते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट के 48 फ़ीसदी वोट राजग के पास हैं। इनमें से 40 फ़ीसदी वोट केवल भाजपा का है। दूसरी तरफ़ अन्नाद्रमुक के पांच फ़ीसदी, बीजद के तीन प्रतिशत, टीआरएस के दो फ़ीसदी, जद यू के दो फ़ीसदी से कम और वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) दोनों के मिलाकर दो फ़ीसदी वोट हैं। इन सभी के मिलाकर 14 फ़ीसदी वोट हैं। इन पार्टियों ने भी राजग प्रत्याशी को समर्थन देने का फ़ैसला किया है। ऐसे में श्री कोविंद के पक्ष में 62 फ़ीसदी से अधिक वोट हैं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों के पास महज 34 फ़ीसदी वोट हैं। राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट 10,98,903 हैं। इन वोटों में 5,49,408 सांसदों के और 5,49,495 विधायकों के वोट हैं।
राष्ट्रपति चुने जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को आधे से एक वोट अधिक होना चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि भाजपा के पास 4,42,117, कांग्रेस के पास 1,61,478, तृणमूल कांग्रेस 63,847, तेलुगुदेशम पार्टी के 31,116, शिवसेना के 25, 893, समाजवादी पार्टी के 26,060, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 27,069 मत, बहुजन समाज पार्टी के 8,200, जद यू के 20,935 और राष्ट्रीय जनता दल के 18,796 मत हैं। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पास 18 हजार 352 मत, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 15 हजार 857 मत हैं।
श्रेष्ठ राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति साबित होंगी मीरा और गांधी-सोनिया
नयी दिल्ली, 16 जुलाई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्तमान माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि देश का संविधान तथा कानून खतरे में है और विपक्षी दलों के राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हमें इस खतरे से बाहर निकालने में सक्षम साबित होंगे। श्रीमती गांधी ने यहां संसदीय सौध में राष्ट्रपति चुनाव की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों के सांसदों की बैठक में विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मीरा कुमार और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का परिचय कराते हुए कहा कि दोनों नेता अनुभवी और संविधान के जानकार हैं और वे देश को इस खतरे से बाहर निकाल सकते हैं और देश के श्रेष्ठ राष्ट्रपति तथा श्रेष्ठ उपराष्ट्रपति सिद्ध हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में गंभीर असंतोष का दौर चल रहा है। देश का भविष्य और संवैधानिक मूल्य दांव पर हैं और उनकी रक्षा करना इन सिद्धांतों को मानने वालों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा भले ही इस चुनाव में आंकड़े हमारे पक्ष में नहीं हों लेकिन लड़ाई पूरी ताकत के साथ जरूर लड़ी जानी चाहिए। भारत को उन लोगों की कृपा पर नहीं छोड़ सकते जो देश पर संकीर्ण विचारधारा और फूट डालने वाली सांप्रदायिक सोच थोपना चाहते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष के सांसदों की यह बैठक न सिर्फ देश के बहुलतावादी लोकतंत्र की रक्षा के लिए बल्कि विपक्ष की एकता और साझा सोच को प्रदर्शित करती है। विशिष्ट उम्मीदवारों के लिए विपक्षी दलों के सांसदों की मौजूदगी इस बात को सुनिश्चित करती है कि समावेशी, सहनशील और बहुलतावादी भारत के लिए सही मायने में यह एक संघर्ष है और इस संघर्ष से हम पीछे नहीं हटेंगे।श्रीमती गांधी ने चुनाव को वैचारिक संघर्ष और परस्पर विरोधी मूल्यों का टकराव करार देते हुए कहा इस चुनाव में वोट अंतरात्मा की आवाज पर डालने की जरूरत है ताकि उस भारत की रक्षा की जा सके, जिसके लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में तमाम स्वाधीनता सेनानियों की उस शानदार पीढ़ी ने संघर्ष किया और जिसमें लाखों साधारण स्त्री-पुरुषों ने हिस्सेदारी की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि श्रीमती मीरा कुमार और श्री गोपाल कृष्ण गांधी ने अपने जीवन में अपने व्यवहार और प्रतिबद्धता से विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। दोनों ने उन मूल्यों और सिद्धांतों के लिए आजीवन काम किया है, जिनके आधार पर हमारा देश पिछले सात दशक से चलता आ रहा है।
श्रीमती कुमार विदेश सेवा की अधिकारी बनीं और बाद में वह संसद में पहुंची और मंत्री बनी। लोकसभा अध्यक्ष चुनी गयीं और इस दौरान उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन अत्यंत गरिमा के साथ किया। उन्होंने सहमति से काम किया और किसी के दबाव में नहीं रहीं।
श्रीमती गांधी ने कहा कि श्री गांधी बुद्धिजीवी, प्रशासक, कुशल राजनीतिज्ञ, लेखक हैं और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उन्होंने अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। श्री गांधी भी विदेश सेवा के अधिकारी रहे और फिर तीन बार राजदूत रहे। उन्होंने देश के दो पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ काम किया है।