
नई दिल्ली.गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद सोना 1000 रुपए तक सस्ता हो गया है। जीएसटी के तहत सोने पर 3 फीसदी और मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी टैक्स लगाए जाने से सोने की डिमांड में कमी आई है, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों पर आगे भी दबाव बना रहेगा और 1 से 2 महीने में सोना 1000 रुपए और गिरकर 27000 के लेवल पर आ सकता है। वायदा बाजार में फिलहाल सोने की कीमत 27996 रुपए प्रति 10 ग्राम है।
ग्लोबल लेवल पर कमजोर डिमांड और फेड द्वारा आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए जाने से सोने की कीमतें रेंज बाउंड में आ गई है। वहीं, ग्लोबल इक्विटी में मजबूती, घरेलू स्तर पर जीएसटी की वजह से डिमांड में कमी से सोने की कीमतों पर आगे भी प्रेशर रहने की उम्मीद है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले 2 महीने के लिए सोने का आउटलुक निगेटिव दिख रहा है।
कीमतों पर क्यों रहेगा दबाव
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि यूएस फेडरल रिजर्व आगे भी ब्याज दरें बढ़ाने को लेकर पॉजिटिव है। लेकिन कमजोर अमेरिकी डाटा इसको सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इससे सोने की कीमतों में आगे भी कमजोरी देखी जा सकती है। प्रेस्टलोन डॉट कॉम के सीईओ अशोक मित्तल कहना है कि इस समय सोने की डिमांड कम्पेरटिवली कम रहती है और डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है। इन वजहों से सोने की कीमतें और गिर सकती है।
स्टॉक मार्केट की अच्छे परफॉर्मेंस का होगा असर
एंजेल ब्रोकिंग कमोडिटी के डिप्टी वीपी अनुज गुप्ता के मुताबिक, इस समय डोमेस्टिक के साथ ग्लोबल स्तर पर स्टॉक मार्केट अच्छा परफॉर्म कर रहा है। कमोडिटी में गिरावट का ट्रेंड चालू है। वहीं सोने पर 3 फीसदी और मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी लगने से सोना खरीदना महंगा हो गया है। इसकी वजह से डिमांड में कमी आई है। इस वजह से कीमतें निगेटिव रहने की उम्मीद है।
प्रभावशाली नहीं रहा है मानसून
एक्सपर्ट्स अनुज गुप्ता का कहना है कि देश में अभी तक मानसून प्रभावशाली नहीं रहा है। मानसून के अच्छे रहने से रूरल इनकम बढ़ने से सोने की डिमांड में तेजी आती है।
वहीं जियोपॉलिटिकल टेंशन में कमी आई है, जिससे सोने की कीमतें गिरी हैं। सोना सेफ हेवन बाइंग माना जाता। इसका मतलब है जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर सोने में इन्वेस्टमेंट बढ़ जाता है।
वहीं जियोपॉलिटिकल टेंशन में कमी आई है, जिससे सोने की कीमतें गिरी हैं। सोना सेफ हेवन बाइंग माना जाता। इसका मतलब है जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर सोने में इन्वेस्टमेंट बढ़ जाता है।
कारोबारियों को टैक्स कंप्लायंस से पड़ेगा जूझना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में सोने पर टैक्स में बढ़ोतरी से डिमांड पर प्रेशर बढ़ सकता है। डब्ल्यूजीसी को लगता है कि कम से कम शॉर्ट टर्म में इंडस्ट्री को चैलेंज का सामना पड़ सकता है। छोटे कारीगरों और रिटेलर्स को टैक्स कंप्लायंस को अपनाने में जूझना पड़ सकता है। इसका असर सोने की बिक्री पर पड़ेगा।