
नई दिल्ली, 22 जुलाई। बिहार में महागठबंधन में चल रही तनातनी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात की। जिसमें दोनों नेताओं ने गठबंधन और विपक्षी एकता को मजबूत करने को लेकर भी चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी और नीतीश कुमार इस दौरान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर बातचीत की। फिलहाल दोनों नेताओं के बीच बातचीत का कोई आधिकारिक ब्यौरा नहीं मिल सका है लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शार्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा है कि बिहार में महागठबंधन समय की जरुरत है। साथ ही सीएम नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव के साथ कांग्रेस भी चाहती है कि यह महागठबंधन बना रहे। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच लगभग 40 मिनट तक बातचीत में बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर भी कई अहम चर्चे हुए। तो वहीं राजनीतिक दृष्टिकोण से इन दोनों नेताओं की मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि पिछले दिनों ऐसे कयास लगाए जा रहे थें कि महागठबंधन टूट सकता है। जिसके बाद स्थिति को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बीचबचाव करना पडा था और उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार से फोन पर बात की थी। साथ ही जदयू के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए विपक्ष के साथ आने के बाद राहुल गांधी ने भी सीएम नीतीश को धन्यवाद दिया था और दिल्ली आने पर बातचीत करने का न्यौता दिया था।
गौरतलब है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम बेनाम सम्पत्ति मामले में आने के बाद से महागठबंधन के घटक दलों राजद और जेडीयू के बीच टकराव चल रहा है। दोनों दलों के नेता इसे लेकर बयानबाजी कर रहे है और जनता जेडीयू चहता है कि तेजस्वी यादव मंत्रिमंडल से इस्तीफा दें लेकिन राजद इसके लिए तैयार नहीं है। इसी बीच खबर आई थी कि नीतीश कुमार के राजद के महागबंधन से अलग होने पर राज्य में सरकार बनाए रखने के लिए बीजेपी समर्थन दे सकती है।