
लखनऊ, 29 जुलाई। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता बुक्कल नवाब तथा यशवंत सिंह और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के ठाकुर जयवीर सिंह ने राज्य विधान परिषद की सदस्यता से आज इस्तीफा दे दिया। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने तीनों के इस्तीफे की पुष्टि की है। श्री यादव ने कहा कि विधान परिषद के तीनो सदस्य अलग- अलग आये थे और इस्तीफा देकर चले गये। राजनीतिक प्रेक्षक इसे बिहार और गुजरात के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का यह ‘आपरेशन यूपीÓ कह रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के तीन दिवसीय दौरे के शुरु होते ही सपा और बसपा के विधान परिषद सदस्यों के यह इस्तीफे हुए हैं। श्री नवाब ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उनका सपा में दम घुट रहा था। सपा पार्टी न रहकर अब अखाड़ा बन गयी है। उन्होंने बाप-बेटे (मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव) को मिलाने की काफी कोशिश की, लेकिन दोनों एक- दूसरे से सुलह करने को तैयार ही नहीं हैं। कार्यकर्ता वहां घुटन महसूस कर रहे हैं। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव को सुबह ही सौंपे इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि सपा में अब उनकी रहने की इच्छा नहीं है इसलिये वह परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं। श्री नवाब ने हाल ही में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा था राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो कहां होगा। मंदिर निर्माण तो होना ही चाहिये। करीब 40 वर्षों से सार्वजनिक जीवन व्यतीत कर रहे श्री नवाब को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। श्री नवाब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अच्छा काम कर रहे हैं। दोनों ही सबका साथ-सबका विकास की नीति पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे श्री नवाब के भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं। श्री नवाब के एक नजदीकी ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में वह शाम तक ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले यशवंत सिंह भी काफी दिनों से खिन्न चल रहे थे। वह अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे बहुचर्चित निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के नजदीकी माने जाते हैं। शेष पृष्ठ 6 पर