गुजरात में राहुल की गाड़ी पर हमला, जांच के आदेश…

धानेरा, 04 अगस्त। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की गाड़ी पर आज गुजरात के बाढ़ प्रभावित बनासकांठा जिले के धानेरा शहर के उनके संक्षिप्त दौरे के दौरान पत्थर से हमला किया गया जिससे उनके वाहन का कांच टूट गया हालांकि श्री गांधी को कोई चोट नहीं पहुंची, बनासकांठा जिले के एसपी नीरज बडगुजर ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी के इस दावे को नकार दिया कि इस दौरान एसपीजी का जवान घायल हुआ है। उन्होंने कहा कि अज्ञात व्यक्ति ने यह हमला किया है। इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गुजरात सरकार ने इस घटना की निंदा की है तथा घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं पर उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने इस बात पर भी सवाल खड़े किये कि श्री गांधी को सरकार की ओर से उपलब्ध कराये गये बुलेट प्रूफ कार की जगह वह किसी निजी वाहन में क्यों घूम रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि स्थानीय लोगों में कांग्रेस के प्रति गुस्सा है। उधर एसपी श्री बडगुजर ने भी कहा कि श्री गांधी पुलिस और एसपीजी के बार बार के आग्रह के बावजूद बुलेट प्रूफ कार छोड़ कर निजी वाहन में बैठ जा रहे थे।

वह अचानक गाडी रोक कर अनजान लोगों से बात भी कर रहे थे जो सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है। उनके वाहन पर पीछे से किसी अज्ञात शख्स ने पत्थर फेका और इससे कोई घायल नहीं हुआ। श्री गांधी के साथ मौजूद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने बताया कि उनके नेता जब स्थानीय लाल चौक पर एक सभा के बाद स्थानीय हवाई अड्डे पर बने हेलीपैड की ओर जाने के लिए निकल रहे थे तभी युवा भाजपा के स्थानीय अध्यक्ष ने एक पत्थर श्री गांधी को लक्ष्य कर उनकी गाडी पर फेका। श्री गांधी आगे की सीट पर चालक के बगल में थे पर पत्थर संयोगवश पीछे की कांच पर लगा जो टूट गया। इस मामले की शिकायत स्थानीय एसपी और डीएसपी से की गयी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि इस घटना में एसपीजी का एक कमांडो घायल भी हो गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने इस मामले में किसी के भी गिरफ्तार नहीं होने को लेकर सवाल खडे किये। उन्होंने हमले तथा विरोध के पीछे भाजपा सरकार की शह होने का भी आरोप लगाया। उधर श्री गांधी को इससे पहले स्थानीय व्यापारियों और किसानों का विरोध झेलना पडा जिन्होंने उन्हें न केवल काले झंडे दिखाये बल्कि उनके सामने ही मोदी-मोदी के नारे भी लगाये। राजस्थान के सिरोही और जालोर जिलों के बाढ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद श्री गांधी हेलीकॉप्टर से दोपहर बाद दो बजे सीधे बनासकांठा के धानेरा पहुंचे और पहले मालोत्रा गांव जाकर बाढ में बह गये रावताभाई प्रजापति के परिजनों से मिले। तब तक तो सबकुछ ठीक था पर जब वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप यहां बाढ के दौरान पूरी तरह डूब गयी बाजार समिति यानी एपीएमसी यार्ड में पहुंचे तो वहां मौजूद व्यापरियों और किसानों ने काले झंडे दिखाते हुए मोद-मोदी की नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस को उन्हें नियंत्रित करने के लिए खासी मशक्कत करनी पडी। श्री गांधी नारेबाजी के बीच कुछ ही मिनटों में वहां से निकल गये। विरोध करने वालों का कहना था कि सरकार के राहत कार्य से लोग खुश है। मुख्यमंत्री स्वयं पांच दिन तक बाढ प्रभावित इलाके में रहे। 1500 करोड के विशेष पैकेज की घोषणा भी की गयी है। जबकि कांग्रेस के छह स्थानीय विधायक नदारद है और बेंगलोर के रिसार्ट में मौज कर रहे हैं। ऐसे में श्री गांधी का दौरा बाढ पीडितों से मजाक की तरह है। इसके बाद श्री गांधी जब एपीएमसी से एक किमी दूर लाल चौक पर बाढ प्रभावितों की एक सभा में भाग लेने पहुंचे तो भी कुछ लोगों ने, जो कथित तौर पर सत्तारूढ भाजपा के समर्थक बताये गये हैं, ने उन्हें काले झंडे दिखाये। हालांकि कांग्रेस समर्थकों ने उनकी पिटायी कर वहां से भगा दिया। श्री गांधी ने सरकार के राहत कार्य को अपर्याप्त करार दिया तथा यह भी कहा कि वह भाजपा के समर्थकों के दो चार काले झंडो से घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग डरपोक हैं। उनकी गुजरात और केंद्र में सरकार नहीं होने के बावजूद वह राज्यसभा और लोकसभा में सरकार पर बाढ पीडितों की अधिक से अधिक मदद के लिए दबाव बनायेंगे। धानेरा के पुलिस अधिकारी जी एल चौधरी ने बताया कि श्री गांधी के विरोध के मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। इसके बाद ही पत्थरबाजी की घटना हुई। श्री गांधी का पत्थरबाजी की घटना के बाद रूणी गांव में भी विरोध हुआ जहां वह बाढ पीडितों से मिलने गये थे। कई लोगों ने मोदी मोदी के नारे लगाये। बनासकांठा में 24 और 25 जुलाई को भारी वर्षा के कारण आयी बाढ के पीडितों से मिलने आये थे। वह आज शाम नयी दिल्ली रवाना हो जाएंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने हमले की निंदा की लेकिन श्री गांधी के इस दौरे को एक नाटक करार दिया। ज्ञातव्य है कि बनासकांठा के छह विधायक कांग्रेस के हैं पर आठ अगस्त को यहां तीन सीटों पर राज्यसभा चुनाव को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उन्हें बेंगलोर के एक रिसार्ट में रखा गया है। उधर मुख्यमंत्री ने 30 जुलाई से आज तक लगातार पांच दिन बनासकांठा में प्रवास किया। प्रधानमंत्री भी बाढ के दौरान ही बनासकांठा का दौरा कर चुके हैं।

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