भारतीय वायु सेना भी होगी अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों से लैस…

नयी दिल्ली, 17 अगस्त। भारतीय वायु सेना के साथ- साथ थल सेना को भी अत्याधुनिक और घातक लड़ाकू हेलिकॉप्टरों से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से छह और अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने का निर्णय लिया है। रक्षा सौदों के बारे में निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई, रक्षा खरीद परिषद की आज रक्षा मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद सहित कुल 4600 करोड़ रूपये के सौदों को मंजूरी दी गयी। भारत ने दो वर्ष पहले सितम्बर 2015 में अमेरिका की बोइंग कंपनी से वायु सेना के लिए 22 एएच-64 हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए सौदा किया था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार रक्षा खरीद परिषद ने सेना के लिए 6 अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद की मंजूरी दी है जिस पर 4168 करोड़ रूपये की लागत आने का अनुमान है। सेना को मिलने वाला यह पहला लड़ाकू हेलिकॉप्टर होगा। इस सौदे में हेलिकॉप्टर में लगाये जाने वाले उपकरणों, हथियारों, कलपुर्जों और प्रशिक्षण का खर्च भी शामिल है। सेना ने मंत्रालय से 10 से अधिक लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की जरूरत बतायी थी हालांकि अभी केवल 6 हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी गयी है। अपाचे हेलिकॉप्टर घातक मिसाइलों और अत्याधुनिक रडार प्रणाली से लैस हैं और ये विषम परिस्थिति में भी दुश्मन के छक्के छुड़ाने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय ने कुछ साल पहले ही सेना को भी घातक हथियारों से लैस हेलिकॉप्टर देने के बारे में निर्णय लिया था जिसके बाद से इनके खरीद की प्रक्रिया चल रही थी। वायु सेना के लिए बोइंग से 22 हेलिकॉप्टरों की खरीद का करार किया गया था जिनकी लागत 13000 करोड़ रुपये से अधिक थी। रक्षा खरीद परिषद ने भारतीय नौसेना के छोटे युद्धपोतों के लिए दो गैस टरबाइन इंजन की खरीद को भी मंजूरी दी है जिन पर 490 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। ये टरबाइन यूक्रेन से खरीदे जायेंगे।
बैठक में सभी लंबित रक्षा सौदों की समीक्षा की गयी और रक्षा मंत्री ने इन्हें जल्द अमलीजामा पहनाये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर उन सौदों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो अनुबंध समिति (सीएनसी) और वित्तीय अधिकारी की मंजूरी (सीएफए) के स्तर पर लटके पडे हैं।

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