
इंफोसिस के सीईओ और एमडी विशाल सिक्का ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह यूबी प्रवीण राव को इंटरिम सीईओ होंगे। कंपनी बोर्ड ने सिक्का को एक्जीक्युटिव वाइस चेयरमैन अप्वाइंट किया है। इस्तीफे के बाद कंपनी के स्टॉक में 6% से ज्यादा की गिरावट आई है। इस्तीफे के पीछे इंफोसिस के फाउंडर्स और बोर्ड के बीच चल रहे विवाद को वजह माना जा रहा है।
कामकाज पर भी उठे थे सवाल…
– फरवरी में इंफोसिस के फाउंडर्स ने एडमिनिस्ट्रेशन के कामकाज पर सवाल उठाए थे। एनआर नारायणमूर्ति, क्रिस गोपालकृष्णन और नंदन नीलेकणी ने कंपनी बोर्ड के सामने ये चिंता जताई थी।
– नारायणमूर्ति ने कहा था, ”कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस का स्तर बेहद नीचे गिर गया है। कंपनी बोर्ड को इसमें दखल देना चाहिए और फेरबदल करना चाहिए। एक इंटरव्यू में नारायणमूर्ति ने कहा कि कुछ टॉप एग्जीक्यूटिव्स को मनमाने ढंग से सेवरेंस पे दिया जा रहा है, इससे दूसरे इम्प्लॉइज का मनोबल टूट रहा है।”
– ”दुनियाभर से गवर्नेंस के लिए इंफोसिस को कई अवॉर्ड मिले, लेकिन 1 जून 2015 से हम गवर्नेंस स्टैंडर्ड में गिरावट पर चिंता जता रहे थे। इसे ऐसे समझिए, कुछ इम्प्लॉई को मोटी रकम सेवरेंस पे दिया गया। वेरिएबल पे सिर्फ 80% मिलती है जबकि कंपनी छोड़ने वाले कुछ एग्जीक्यूटिव्स को अगले दो सालों तक के लिए 100% वैरियबल दिया गया, क्या यह सही है? इस तरह के पेमेंट से संदेह होता है कि क्या कंपनी कुछ छिपाने के लिए इस तरह के पेमेंट कर रही है।”
– ”एक साल बाद अगर इसकी फॉरेंसिक ऑडिट की बात की जाए तो यह मजाक है, क्योंकि हर कोई यह बता सकता है कि उस दौरान हुई किसी भी गड़बड़ी को छिपाया जा सकता है। यदि कुछ गलत नहीं हुआ है (मुझे ऐसी उम्मीद है) तो यह ईमानदार इम्प्लॉइज के लिए अच्छी बात है।”
– इंफोसिस के सीईओ और फाउंडर्स में मतभेद पर नारायणमूर्ति ने कहा था कि उन्हें सिक्का से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन गवर्नेंस बोर्ड जिस तरह से काम कर रहा है, उससे वह दुखी हैं। फाउंडर्स ने अक्टूबर, 2014 में मर्जी से कंपनी छोड़ दी थी।
सिक्का का 73 करोड़ रु. का पैकेज था
– इंफोसिस में सिक्का का पैकेज 11 मिलियन डॉलर (करीब 73 करोड़ रु.) का था। इसमें 3 मिलियन डॉलर फिक्स्ड सैलरी थी, जबकि 8 लाख डॉलर वैरिएबल कंपनसेशन के रूप में दिया जाता था। 2016 में सिक्का को टेक होम सैलरी 49 करोड़ रु. मिली, जबकि दो पूर्व अधिकारियों बंसल को 17.38 करोड़ का सालाना पैकेज मिलता था। कैनेडी को 5.85 करोड़ का पैकेज दिया जाता था।
कौन है यूबी प्रवीण राव
– प्रवीण राव इंफोसिस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) पद पर है। इसके अलावा वह इंफोसिस बीपीओ के चेयरपर्सन भी हैं। उन्होंने 1986 में कंपनी ज्वाइन की। राव के पास 30 साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस है। राव ने बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है। इतना ही नहीं, राव नैस्कॉम के एक्जीक्युटिव काउंसिल में भी हैं।
13,000 करोड़ के बायबैक पर कल होगा फैसला
– देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का बोर्ड शनिवार को शेयर बायबैक पर चर्चा करेगा। कंपनी की तरफ से करीब 13,000 करोड़ रुपए के बायबैक का प्रपोजल है।
– कंपनी ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी। संभवत: उसी दिन बायबैक की कीमत पर भी फैसला होगा। इंफोसिस के 36 साल के इतिहास में पहली बार शेयरों की वापस खरीद होगी। कंपनी के पास लगातार काफी कैश पड़ा हुआ है।
– नारायणमूर्ति समेत कई फाउंडर्स ने इसे शेयरहोल्डर्स को लौटाने के लिए दबाव डाला था। इसके बाद अप्रैल में बोर्ड ने घोषणा की थी कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में 13,000 करोड़ रुपए के शेयर या तो बायबैक किए जाएंगे।
– एक और ऑप्शन यह दिया गया था कि इतनी रकम का डिविडेंड शेयरधारकों को दिया जाएगा। 30 जून को खत्म तिमाही में कंपनी के पास 3.5 अरब डॉलर का कैश (करीब 22,500 करोड़ रुपए) था।
– बता दें कि इस साल कई आईटी कंपनियां शेयर बायबैक का एलान कर चुकी हैं। देश की नंबर-1 आईटी कंपनी टीसीएस भी 16,000 करोड़ के बायबैक का ऐलान कर चुकी है। यह किसी भी घरेलू कंपनी का सबसे बड़ा बायबैक ऑफर है। बायबैक से प्रति शेयर कमाई बढ़ जाती है। इससे शेयरों में आगे बढ़त की गुंजाइश ज्यादा होती है।
– कंपनी ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी। संभवत: उसी दिन बायबैक की कीमत पर भी फैसला होगा। इंफोसिस के 36 साल के इतिहास में पहली बार शेयरों की वापस खरीद होगी। कंपनी के पास लगातार काफी कैश पड़ा हुआ है।
– नारायणमूर्ति समेत कई फाउंडर्स ने इसे शेयरहोल्डर्स को लौटाने के लिए दबाव डाला था। इसके बाद अप्रैल में बोर्ड ने घोषणा की थी कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में 13,000 करोड़ रुपए के शेयर या तो बायबैक किए जाएंगे।
– एक और ऑप्शन यह दिया गया था कि इतनी रकम का डिविडेंड शेयरधारकों को दिया जाएगा। 30 जून को खत्म तिमाही में कंपनी के पास 3.5 अरब डॉलर का कैश (करीब 22,500 करोड़ रुपए) था।
– बता दें कि इस साल कई आईटी कंपनियां शेयर बायबैक का एलान कर चुकी हैं। देश की नंबर-1 आईटी कंपनी टीसीएस भी 16,000 करोड़ के बायबैक का ऐलान कर चुकी है। यह किसी भी घरेलू कंपनी का सबसे बड़ा बायबैक ऑफर है। बायबैक से प्रति शेयर कमाई बढ़ जाती है। इससे शेयरों में आगे बढ़त की गुंजाइश ज्यादा होती है।