
हिसार, 29 अगस्त। हरियाणा में हिसार की एक अदालत ने जिले के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के कथित संत रामपाल और उसके दस अन्य अनुयायियों को उनके खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों में आज बरी कर दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने यहां सैंट्रल जेल-एक में स्थापित विशेष अदालत में रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और महिलाओं और अन्य अनुयायियों को बंधक बनाकर रखने को लेकर 17 और 18 नवम्बर 2014 को दर्ज मुकदमा संख्या क्रमश: 426 और 427 में पुलिस के आरोपों निराधार बताते हुये आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये। इस दौरान रामपाल और अन्य आरोपी सैंट्रल जेल-दो से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुये। रामपाल के वकील ए.पी. सिंह ने अदालत का फैसला आने के बाद मीडिया को रामपाल और अन्य आरोपियों के बरी होने की जानकारी दी। उन्होंने अदालत के फैसले को सत्य की जीत करार दिया। अदालत के दो मामलो में बरी करने के बावजूद रामपाल को जेल के बाहर की हवा नसीब नहीं होगी और उसके खिलाफ दर्ज हत्या, हत्या का प्रयास तथा देशद्रोह के अन्य मामले भी अदालत में चल रहे हैं। रामपाल लगभग 33 महीने से हिसार की सेंट्रल जेल-दो में बंद है। बरी होने वाले अन्य आरोपी प्रीतम सिंह, राजेंद्र, रामफल, विरेंद्र, पुरुषोत्तम, बलजीत, रामकुमार ढाका, राज कपूर, राजेंद्र और रामपाल हैं। रामपाल के खिलाफ उक्त मामले भारतीय दंड सहिता की विभिन्न धाराओं 323, 342, 353,186,188, 147,149 और 426 के तहत दर्ज किये गये थे, जब पुलिस उसे एक मामले में गिरफ्तार करने सतलोक आश्रम गई थी, जहां उसे कथित संत के समर्थकों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था। समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प और फयरिंग में पांच महिलाओं और एक नवजात की मौत हो गई थी।