
चंडीगढ़/जीन्द, 30 अगस्त। हरियाणा सरकार की राम रहीम के प्रति मेहरबानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। 25 अगस्त की हिंसा के बाद पुलिस तथा सरकार को ऐसे कई सबूत मिल चुके हैं जिसमें यह साफ हो रहा है कि राम रहीम न केवल पंचकूला में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी करके आया था बल्कि उसने अदालत से भागने का भी प्रयास किया था। पंचकूला हिंसा के बाद हरियाणा पुलिस द्वारा इस मामले में लगातार जांच की जा रही है। जांच के आधार पर हरियाणा पुलिस के आला अधिकारी लगातार कई बड़े खुलासे कर रहे हैं। डेरा मुखी के एक सुरक्षा कर्मी द्वारा आईजी स्तर के एक अधिकारी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने तथा एक अन्य सुरक्षा कर्मी द्वारा कोर्ट रूम के भीतर गोली चलाए जाने की घटना के बाद पुलिस ने न केवल राम रहीम की गाडिय़ों से कई हथियार बरामद किए बल्कि कई तरह के आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए। अब इस मामले में पुलिस ने नया खुलासा करते हुए साफ कर दिया है कि कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम ने दो बार कोर्ट रूम से भागने का प्रयास किया। इसके लिए वह पहले से ही तैयारी करके आया था। हरियाणा के आईजी सीआईडी के.के.राव के अनुसार डेरा मुखी ने अदालत का फैसला आने के बाद लाल रंगी की दो अटैची मंगवाई। यह उसका एक कोड था। यह पहले से तय किया गया था कि अदालत का फैसला आने के बाद अगर लाल रंग की अटैची मंगवाई जाती है तो यह संकेत होगा कि सजा हो चुकी है। इसके बाद बाहर खड़े अनुयायी तय योजना के तहत हंगामा शुरू कर देंगे।
आईजी सीआईडी ने कहा कि राम रहीम ने जैसे ही अटैची कोर्ट रूम में मंगवाई वैसे ही बाहर हंगामा शुरू हो गया। आई जी के.के.राव वह अधिकारी हैं जिनकी जिम्मेदारी राम रहीम को सेना के हैलीकाप्टर तक पहुंचाने की थी। उन्होंने कहा कि कोर्ट रूम के बाहर खड़े बाबा के अनुयायियों ने जब हंगामा शुरू किया तो उनके लिए बाबा को सेना की पश्चिमी कमान तक पहुंचाने में बड़ी चुनौती थी। इस बीच कोर्ट रूम के भीतर से बाहर खड़ी गाड़ी तक आते-आते राम रहीम के अनुयायियों ने उन्हें वहां से भगाने का भी प्रयास किया।
दिलचस्प बात यह है कि आईजी सीआईडी द्वारा मीडिया से बातचीत में आज फिर से यह खुलासा किया गया कि राम रहीम पंचकूला में हुई हिंसा की साजिश में शामिल था। इसके बावजूद अभी तक पुलिस द्वारा राम रहीम के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है।