नोटबंदी वाले 99 फीसदी नोट आरबीआई में जमा…

नयी दिल्ली, 30 अगस्त। रिजर्व बैंक ने कहा है कि गत 30 जून तक उसके पास नोटबंदी वाले 15.28 लाख करोड़ रुपये के नोट यानी सर्कुलेशन से हटाये गये कुल नोटों का 99 फीसदी हिस्सा जमा हो गया था। केंद्रीय बैंक ने आज जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कालेधन और फर्जी नोटों के सर्कुलेशन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गयी नोटबंदी की घोषणा के बाद से 30 जून 2017 तक उसके पास सर्कुलेशन से हटाये गये 1,000 रुपये और 500 रुपये मूल्य वाले 15.44 लाख करोड़ रुपये के नोटों का 99 फीसदी हिस्सा जमा हो गया था। रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद 1,000 रुपये के लगभग 8.9 करोड़ नोट यानी 8,900 करोड़ रुपये वापस नहीं आये हैं। आरबीआई के मुताबिक 2,000 रुपये के नये नोट का सर्कुलेशन गत मार्च के अंत तक नोटबंदी के दौरान हटाये गये नोटों के कुल मूल्य के 50 फीसदी से थोड़ा अधिक रहा। साल दर साल आधार पर पूरी प्रणाली में नोटों का सर्कुलेशन 20.2 प्रतिशत घटा है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि वर्ष 2016-17 के दौरान नये करेंसी नोटों की छपाई में 7,965 करोड़ रुपये खर्च हुए।

नोटबंदी का मकसद पैसा जब्त करना नहीं था- जेटली

नयी दिल्ली, 30 अगस्त। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी जिस उद्देश्य से लायी गयी थी उसमें सरकार आगे बढ़ रही है और इसका मकसद आम लोगों का धन जब्त करना नहीं था। रिजर्व बैंक की 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट पर श्री जेटली ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य कालेधन को समाप्त करना, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था को लेसकैश बनाना था। इस दिशा में सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। कांग्रेस के रिजर्व बैंक के नोटबंदी के दौरान जमा नोटों के आंकड़ों पर सरकार को घेरने पर श्री जेटली ने कहा कि जो लोग नोटबंदी का अर्थ नहीं समझते वे इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जिन्होंने कालाधन के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी वे नोटबंदी को लेकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। नोटबंदी को सरकार जिस उद्देश्य के साथ लायी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। इसका मकसद जम्मू कश्मीर एवं छत्तीसगढ़ में आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियों पर नकेल कसना था तथा नोटबंदी के बाद इन गतिविधियों में लिप्त तत्वों के पास संसाधनों की कमी होने लगी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुयी है। जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार ने राजस्व के जो अनुमान लगाये थे पहले महीने में उससे कहीं ज्यादा प्राप्त होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लक्ष्य को हासिल करने से इस बात का प्रमाण मिलता है कि लोग अब लेनदेन में पारदर्शिता अधिक अपनाने लगे हैं। श्री जेटली ने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य जाली मुद्रा को खत्म करना था। सरकार का अगला कदम चुनाव में कालेधन को खत्म करना है।
रिजर्व बैंक ने आज जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि नोटबंदी से पहले 500 और एक हजार रुपये के नोटों की जितनी संख्या प्रचलन में थी उसका 99 प्रतिशत बैंकिंग तंत्र में जमा हो गया है। आंकडों के जारी होने के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुये कहा था कि रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश करने के लिए शर्म आनी चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने तंज कसते हुये कहा कि जिन अर्थशास्त्रियों ने नोटबंदी की अनुशंसा की उनको ‘ नॉबेल पुरस्कारÓ मिलना चाहिए।

रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश पर शर्म आनी चाहिए- चिदंबरम

नयी दिल्ली, 30 अगस्त। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नोटबंदी पर रिजर्व बैंक को घेरते हुये कहा है कि केन्द्रीय बैंक को इसकी ‘सिफारिशÓ करने के लिए शर्म आनी चाहिए, रिजर्व बैंक की आज जारी 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद बैंकिंग तंत्र में वापस आये नोटों का आंकड़ा जारी करने पर श्री चिदंबरम ने कई ट्विट कर रिजर्व बैंक को घेरा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने जो आंकड़े दिये हैं उससे यह झलकता है कि क्या नोटबंदी योजना को कालेधन को सफेद करने के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद केवल 16 हजार करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आये हैं जबकि 15.44000 करोड़ रुपये बैंकिंग तंत्र वापिस जमा कराये गये। यह राशि उस समय प्रचलन में रहे 500 और एक हजार रुपये के नोटों की कुल राशि का महज एक प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश के लिए शर्म आनी चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी से केन्द्रीय बैंक को 16 हजार करोड़ रुपये का ‘लाभÓ हुआ जबकि नये नोटों के मुद्रण पर 21 हजार करोड़ रुपये का ‘नुकसानÓ रहा।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी की सिफारिश करने वाले अर्थशास्त्रियों को नॉबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुल नोटों का 99 प्रतिशत कानूनी रूप से बदला गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या नोटबंदी की योजना का डिजाइन इस तरीके से तैयार किया गया था कि कालेधन को सफेद धन में बदला जाये।

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