
सिरसा, 09 सितम्बर। सिरसा हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय की सघन तलाशी के दूसरे दिन सुरक्षा एजेंसियों को गुरमीत राम रहीम की गुफा से उसकी शिष्याओं के हॉस्टल तक जाने वाली एक सुरंग एवं रास्ते का पता चला। डेरा परिसर की तलाशी के दौरान पटाखे बनाने का एक अवैध कारखाना और रसायन भी मिले। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पिछले महीने बलात्कार के जुर्म में 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। डेरे की तलाशी के दौरान एक फाइबर सुरंग का भी पता चला। फाइबर सुरंग में कीचड़ भरा था। डेरावास साध्वी निवास से जुड़ा है। एके 47 के कारतूसों का एक खाली बक्सा भी मिला है। तलाशी अभियान के पहले दिन गुरमीत सिंह की उस कथित गुफा की फारेंसिक जांच भी की गई जिसका इस्तेमाल वह कथित तौर पर महिलाओं का यौन उत्पीडऩ करने के लिए करता था। डेरा से बिना रजिस्टर्ड लग्जरी कार और कुछ प्रतिबंधित नोट भी बरामद किए गए। करीब 12 घंटे चले इस अभियान के दौरान कुछ कमरों को सील भी किया गया और वहां से हार्ड डिस्क ड्राइव और बिना लेबल की कुछ दवाएं भी बरामद की गईं। इस तलाशी अभियान की पूरी प्रक्रिया को सेवानिवृत्त जिला और सेशंस जज एकेएस पवार की निगरानी में चलाया गया और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। पवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस कार्य के लिए ‘कोर्ट कमिश्नर’ नियुक्त किया था । डेरा मुख्यालय की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर धारा-144 लागू है और यहां 4 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक है। किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को डेरा परिसर में जाने की अनुमति नहीं है हालांकि, सिरसा शहर में जनजीवन सामान्य हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ पुलिस बस और अर्धसैनिक बलों के वाहनों, त्वरित कार्य बल के वाहनों, बम निरोधक दस्ते और तोड़-फोड़ निरोधक टीम के वाहन, पुलिस और अद्र्धसैनिक बलों के जवानों को लेकर जाने वाले वाहनों सहित बड़ी संख्या में वाहनों ने डेरा परिसर में प्रवेश किया।
विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों को लेकर जिला प्रशासन के वाहन भी डेरा परिसर के भीतर पहुंचे। इसके अलावा, कुछ दकमल गाडिय़ां, कुछ अन्य मशीनों और ट्रैक्टरों को भी तलाशी अभियान में लगाया गया। डेरा के पास 16 नाका बनाए गए हैं और सिरसा जिला में पैरामिलिट्री बलों की 41 कंपनियों को तैनात किया गया है। डेरा मुख्यालय से अलग हो चुके बहुत से पूर्व डेरा अनुयायियों ने मीडिया को बताया था कि डेरा प्रमुख और उनके करीबी सहयोगियों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को गुफा या डेरा प्रमुख के निजी आवास में जाने की अनुमति नहीं थी। करीब 800 एकड़ में फैले डेरा को तलाशी अभियान के लिए दस जोन में बांटा गया है और हर जोन का संचालन एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। डेरा परिसर में शैक्षणिक प्रतिष्ठान, बाजार, एक अस्पताल, स्टेडियम, मनोरंजन केंद्र और आवास बने हुए हैं। कुछ फिल्मों का निर्देशन और सह-निर्माण करने वाले डेरा प्रमुख के परिसर में कुछ ऐसी दुकानें भी हैं जहां दो साल पहले शुरू हुए एमएसजी ब्रांड के उपभोक्ता उत्पाद बेचे जाते थे।