
नई दिल्ली, 13 सितम्बर। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशन स्कूल में सात वर्षीय छात्र की मौत के मामले में गिरफ्तार रेयान समूह के उत्तरी जोन के प्रमुख फ्रांसिस थॉमस को पुलिस ने बुधवार को हरियाणा की सोहणा अदालत के सम्मुख पेश किया। यहां पुलिस ने अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान थॉमस ने माना की स्कूल के अंदर कमियां थीं और हेड ऑफिस ने इन कमियों को पूरा नहीं किया। पुलिस ने अदालत से फ्रांसिस थॉमस की चार दिन की रिमांड मांगी ताकि मुंबई ले जाकर उससे पूछताछ की जा सके। अदालत ने इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद फ्रांसिस थॉमस को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। वहीं अदालत ने इस मामले में जीजस थॉमस को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं इससे पहले एक अधिकारी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले की सुनवाई सोहणा स्थित स्थानीय अदालत से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बार एसोसिएशन ने इस सनसनीखेज मामले में आरोपी की पैरवी करने से वकीलों को प्रतिबंधित कर दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए़ एम़ खान विलकर की पीठ ने वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी की इस दलील पर विचार किया कि अपनी पसंद के वकील के जरिए पैरवी करवाने के एक व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। पीठ ने रेयान समूह के उत्तरी जोन के प्रमुख फ्रांसिस थॉमस के वकील को आश्वासन दिया है कि वह 18 सितंबर को याचिका पर सुनवाई करेगी।
गत शुक्रवार को स्कूल में एक छात्र की हत्या के संबंध में थॉमस को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। तुलसी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में सोहणा तथा गुडगांव के बार एसोसिएशनों ने अपने सदस्य वकीलों से कहा है कि वे सात वर्षीय प्रद्युमन की नृशंस हत्या के आरोपी या किसी व्यक्ति की पैरवी ना करें। तुलसी ने कहा, अनुच्छेद 21 (जीवन और निजी स्वतंत्रता के अधिकार) के तहत मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई को हरियाणा में सोहणा के बाहर स्थानांतरित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि गुडग़ांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में आठ सितंबर की सुबह दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोप लगाया कि 42 वषीर्य बस कंडक्टर अशोक कुमार ने बच्चे का यौन शोषण करने की कोशिश की लेकिन बच्चे द्वारा इसका विरोध करने पर उसने चाकू से उसकी हत्या कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में प्रद्युम्न के पिता और न्यायालय की दो महिला वकीलों की याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रहा है।