
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री अबे ने किया शिलान्यास
नई दिल्ली, 14 सितम्बर। भारत और जापान के द्विपक्षीय वार्ता के दौरान गुरुवार को दोनों देशों के बीच पंद्रह समझौते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो एबी की मौजूदगी में समझौते पर दस्तखत किए गए। इसके बाद साझा बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के भारत में आगमन का श्रेय जापान को दिया और जापानी पीएम शिंजो एबी को अपना सबसे अच्छा मित्र बताया, वहीं जापानी पीएम ने भारत के डिजिटल इंडिया व मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के प्रति अपना समर्थन जताया। इसके बाद जापानी एम शिंजो एबी ने सीमा पार आतंकी नेटवर्क को बंद करने की बात कहते हुए पाकिस्तान पर हमला बोला। एबी ने पाक को संबोधित करते हुए कहा 26/11 के गुनहगारों को पाकिस्तान सजा दे। इसके बाद उन्होंने पठानकोट आतंकी हमले के दोषियों को भी सजा देने की बात कही। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि वार्ता के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने महात्मा गांधी के जीवन को समझने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि वार्ता का दायरा सिर्फ द्विपक्षीय स्तर तक सीमित नहीं रहा। पीएम एबी ने कहा ‘पहली बार भारत, जापान और अमेरिका समुद्री युद्धाभ्यास मालाबार में शामिल हो रहे हैं और इसका आधार पीएम मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मजबूत संबंध हैं। पीएम मोदी ने कहा भारत में जापान तीसरा सबसे बड़ा निवेशक बन चुका है। भारत में रहने वाले जापानी नागरिकों की संख्या बढ़ेगी। मैं चाहता हूं कि वे ज्यादा से ज्यादा जापानी रेस्तरां खोले। जापान और भारत के बीच आज हुए समझौते की मैं सराहना करता हूं। वहीं शिंजो एबी ने कहा कि भारत में जापानी कंपनियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। भारत और जापान मिलकर जलवायु परिवर्तन का सामना करेंगे। काम करने के लिए गुजरात एक अच्छी जगह है। हम इस खातिरदारी और स्वागत के लिए आभार व्यक्त करते हैं। शिखर वार्ता से पहले मोदी और एबी ने गांधीनगर स्थित दांडी कुटीर संग्रहालय का दौरा किया। यह संग्रहालय महात्मा गांधी के जीवन को समर्पित है। फिर द्विपक्षीय वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम शिंजो एबी का महात्मा मंदिर में स्वागत किया। जापान के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते की नींव रखी जाएगी। इसके साथ ही शिंजो भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे। विशेषज्ञों कि मानें तो दोनो देश इस मुलाकात के जरिये अपने रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। डोकलाम में तनाव खत्म होने के बाद भारत में किसी विदेशी नेता का यह पहला दौरा है. भारत-जापान थर्ड वर्ल्ड माने जाने वाले देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी बनाकर इस रिश्ते को और मजबूत बनाने के प्रयास में हैं। चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रॉजेक्ट को नजर में रखते हुए भारत और जापान की रिश्तों को बेहतर करना और भी ज्यादा जरूरी माना जा रहा है।
आबे और मोदी के मुलाकात से एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर जैसे प्रॉजेक्ट को भी रफ्तार मिल सकती है। भारत और जापान की साझेदारी से जुड़े इस प्रॉजेक्ट में ईरान के चाहबहार बंदरगाह को विकसित करना भी शामिल है। जापानी मीडिया भी शिंजो आबे के भारतीय दौरे को भारत और जापान के संबंधों में नए बदलाव का संकेत मान रही है। जापानी मीडिया एन एच के वर्लड ने शिंजो आबे के भारतीय दौरे को लेकर लिखा जापान- भारत के समर्थन के साथ उत्तर कोरिया पर दबाव बनाना चाहता है। इसके लिए वो भारत के साथ एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करेगा जिसमें उत्तर कोरिया कि कड़ी रूप से निंदा की जाएगी। इससे उत्तर कोरिया पर अंतराष्ट्रीय दबाव बनाया जा सके।
जापान के एक अन्य समाचार पत्र जापान टाइम्स ने लिखा है दोनों देशों के सैन्य और समुद्रीय सुरक्षा सहयोग बढऩे के भी आसार हैं, जिससे चीन की हठधर्मी प्रकृति पर रोक लगाई जा सके। आबे और मोदी दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारित गतिविधियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत समुद्र में नेविगेशन के स्वतंत्रता की आवश्यकता की भी पुष्टि करेंगे। बता दें कि इस साल की शुरूआत में हुई सिविल न्यूक्लियर डील के प्रभाव में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुएं हैं. सिविल न्यूक्लियर डील के बाद दोनो देशों में सैन्य समझौते होने के भी आसार हैं. दरअसल, जापान अपने सैन्य उपकरण भारत को बेचने के लिए इच्छुक हैं। इसके साथ ही दोनों देश चाहबहार बंदरगाह के प्रॉजेक्ट को रफ्तार देने की दिशा में भी चर्चा कर सकते हैं. इस प्रॉजेक्ट के जरिए भारत को अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया तक आसानी से पहुंचने की दिशा में आने वाली अड़चनें दूर होंगी।