
कुरूक्षेत्र 25 नवम्बर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने महिला सशक्तीकरण का एक नया पहलू सामने रखते हुए आज कहा कि इसकी शुरूआत महाभारत काल में ही हो गयी थी जब महाकवि वेदव्यास ने इस महाकाव्य के सबसे महत्वपूर्ण खंड के लिए स्त्रीलिंग का चयन कर इसे ‘श्रीमद् भागवदगीताÓ का नाम दिया। श्री कोविंद ने यहां अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का उदघाटन करने के बाद कहा कि महान शब्दशिल्पी वेद व्यास ने संभवत मातृ शक्ति की गरिमा को मान्यता देने की नीयत से ही महाभारत के महत्वपूर्ण खंड के लिए स्त्रीलिंग का चयन कर इसे श्रीमद भागवदगीता नाम दिया था। उन्होंने कहा कि आज इसे महिला सशक्तीकरण कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य में स्त्री शक्ति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं और बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरूआत के बाद 1000 लड़कों की तुलना में लड़कियों का अनुपात 830 से बढकर 937 पहुंच गया है।