
लखनऊ, 07 जनवरी। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते उत्तर प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप जारी है,जिससे जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। लखनऊ जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने आज यहां बताया कि ठंड के कारण सात जनवरी तक कक्षा एक से 12वीं तक बंद किये गये स्कूलों में कल से पढ़ाई शुरु हो जाएगी। ठंड के चलते स्कूलों के खुलने का समय एक सप्ताह के लिए सुबह दस बजे से किया गया है। उन्होंने बताया कि सुबह और शाम ठंड है लेकिन दिन में धूप निकलने से ठंड से राहत है इसलिए स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार शीतलहर और कोहरे से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, दिन में घूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन शाम ढलते ही पारा एकदम से नीचे गिर गया। लखनऊ का न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच कम 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से दो कम 19.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा बहराइच में सामान्य से सात कम 2.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो राज्य में सबसे ठंडा स्थान रहा। सुल्तानगंज के फर्सतगंज में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस जबकि वाराणसी(बीएचयू) में 4.4 डिग्री, गोरखपुर पांच डिग्री, बस्ती और कानपुर नगर 3-3 डिग्री, नजीबाबाद 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश भर में न्यूनतम तापमान एक से सात डिग्री तक कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग स्थानीय निदेशक जे पी गुप्ता के अनुसार अभी मौसम में विशेष बदलाव की संभावना कम ही है। अगले 24 घंटे के दौरान शीतलहर जारी रहेगी।
इस दौरान मौसम आमतौर पर साफ रहेगा। लखनऊ का तापमान दो डिग्री तक पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में कोहरा भी छाया रहेगा।
पिछले चार दिन से तापपान में गिरावट आने से गलन बढ़ गयी है। सुबह से शाम तक शीतलहर चल रही है। रात के समय कड़ाके की ठंड पडऩे से सार्वजनिक स्थलों और सड़कों पर सन्नाटा रहने लगा है। ठंड से लोगों की दिनचर्चा भी प्रभावित हो रही है।
प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है और अभी इससे राहत मिलने की संभावना कम ही है। शीतलहर के चलते दिन में भी कई स्थानों पर लोग अलाव जलाकर उसके पास बैठे नजर आये।
इस बीच, समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि इन दिनों शीतलहर चल रही है। स्कूलों में बच्चों को अभी तक स्वेटर नहीं मिल पाये हैं। हजारों लोगो के सिर पर छत नही है। लोग सड़कों पर ठिठुरते हुए रात काट रहे हैं।
प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान ठंड एवं कोहराजनित हादसों में 40 से अधिक लोगों की मृत्यु होने के साथ ही राज्य में अब तक इससे 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। ठंड से बड़ी संख्या में मवेशियों के भी मरने की सूचना है। इस दौरान मुजफ्फरनगर, मेरठ, सुल्तानपुर, आगरा, बांदा, हमीरपुर, लखनऊ, जौनपुर, इलाहाबाद, बरेली, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद समेत कई जिलों में ठंड से लोगों के मरने की सूचनाएं मिल रही हैं। हालांकि, जिला प्रशासन इन मौतों का कारण ठण्ड नहीं बता रहा है।
इस दौरान बहराइच में तीन, उन्नाव और हापुड में दो-दो, बांदा और हमीरपुर में तीन-तीन, संतकबीरनगर में एक और जालौन में एक व्यक्ति की कोहराजनित हादसों में मरने की सूचना है।
कोहरे की वजह से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुए हैं। ज्यादातर ट्रेनें निर्धारित समय से कई घंटे देरी से चल रही हैं। कई ट्रेनें तो 24 घण्टे के विलम्ब से अपने गंतव्य पर पहुंच रही हैं। कोहरे में सड़कों पर वाहन की रफ्तार भी थम गयी है।
ठण्ड से बचाव के लिए राज्य सरकार ने रैन बसेरों की व्यवस्था की है। रैन बसेरों की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं। उन्होने रैन बसेरों में अलाव जलवाने, कम्बल बंटवाने और साफ-सफाई के निर्देश दिये थे। अलाव जलवाने में कई स्वयं सेवी संस्थायें भी अपना योगदान दे रही हैं। इस बीच, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि ठण्ड से दलहन और तिलहन की फसलों के साथ कुछ सब्जियों को नुकसान हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों ने ठण्ड बढऩे का कारण पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी बताया है। नये साल के पहले दिन से शुरु हुई हाड़कंपा देने वाली ठण्ड से इंसान ही नहीं पशु पक्षी भी बेहाल हैं। चिडिय़ाघर में हीटर जलाये जा रहे हैं। पक्षियों के बचाव की व्यवस्था की गयी है। बर्फीली हवाओं से बढ़ी ठिठुरन ने गर्म कपड़ों और हीटर आदि की मांग बढ़ा दी है। गर्म कपड़ों के बाजार में भीड़ बढ़ गयी है। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ाके की ठंड और शीतलहरी से बचाव के लिए निराश्रित एवं असहाय व्यक्तियों को कम्बल वितरण के लिए जिलाधिकारियों के नेतृत्व में अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं।
बस्ती से मिली रिपोर्ट के अनुसार बस्ती मण्डल में ठंड का कहर जारी है। तेज और बर्फीली हवाओ के चलते हाड़ कंपाउ सर्दी का सितम नागरिक झेल रहे है। ठंड के चलते बस्ती, सिद्धार्थनगर और सतंकबीरनगर के नागरिक बेहद परेशान हैं। ठण्ड का कहर कम होने का नाम नही ले रहा है। ठंडी हवाओं के चलते निवासी घरों में दुबकने को मजबूर हैं। खराब मौसम और घने कोहरे के कारण मोटरसाइकिल चालकों, रिक्शा चालकों और दैनिक मजदूरी करने वालों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जरूरत की सामान खरीदने और आवश्यक जरूरी कामों से ही लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। पछुआ हवाओं के चलने से ठंड अपने पूरे शबाब पर पहुंच गयी है। लोग दिन में ठिठुरते नजर आ रहे हैं। जगह-जगह लोग खुद अलाव के इर्द गिर्द सिमटे दिख रहे हैं। ठंड से मुगहरा निवासी हरीराम (65) की मृत्यु हो गयी।बाजारों में ऊनी कपड़ों की बिक्री चरम पर पहुंच गयी है। दुकानों और गरम कपड़े बेचने वाले ठेंलों के आसपास खरीददारी करने वालों का जमावड़ा लग जाता है। लोग सामर्थ्य के अनुसार गरम कपड़े खरीद रहे हैं।
ठंड से फसलों को भी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि यदि शीतलहर का प्रकोप ऐसे ही बराबर बना रहा तो तिलहन, अरहर और आलू की फसल चौपट हो सकती है।
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के कृषि वैज्ञानिक डा0 मारकंडे सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों की सुरक्षा करें। उन्होंने किसानों को पाले और कोहरे से फसलों को बचाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शीतलहर एवं पाले से सर्दी के मौसम में सभी फसलों को थोड़ा नुकसान होता है, लेकिन टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि सब्जियों पपीता एवं केले के पौधों एवं मटर, चना, सरसों, जीरा, धनिया आदि फसले सबसे अधिक प्रभावित होती हैं।
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पाले के प्रभाव से फसलों, फलों एवं सब्जियों के फूल झडऩे लगते हैं। प्रभावित फसल का हरा रंग समाप्त हो जाता है तथा पत्तियों का रंग मिट्टी के रंग जैसा दिखता है। ऐसे में पौधों के पत्ते सडऩे से बैक्टीरिया जनित बीमारियों का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है।
बहराइच के रामगांव क्षेत्र में सोते समय कमरे में दम घुटने से एक वृद्ध महिला और ननिहाल में आई दो बालिकाओं की मृत्यु और गई जबकि एक महिला को अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।
पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि बेगमपुर गांव निवासी राम सरीख चौहान की पत्नी श्रीमती कुमारी देवी (65) कल रात अपनी बहू श्रीमती संजू और पांच की नातिन काजल और चार साल की विद्या के साथ मकान की दूसरी मंजिल पर कमरे में ठंड से बचने के लिये कोयला जलाकर सो गये। कमरा एअर पैक होने के कारण कोयले से निकली जहरीली गैस से दम घुटने से नानी और दोनों बालिकाओं की मृत्यु हो गयी।