
नयी दिल्ली, 15 जनवरी। भारत और इजरायल ने आतंकवाद को शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा करार देते हुए आतंकवादियों और उन्हें पनाह एवं वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत बतायी है और रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू के बीच आज यहां हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सम्बन्धों को अगले 25 वर्षों में नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त किया गया है। श्री नेतन्याहू की यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बन्धों के 25 वर्ष पूरा होने के मौके पर हो रही है। दोनों नेताओं ने आतंकवादियों और उनके संगठनों के साथ -साथ आतंकवाद को प्रायोजित और वित्तीय मदद करने तथा आतंकवादियों को पनाह देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत बतायी। उन्होंने दोहराया कि किसी भी स्थिति में आतंकवादी गतिविधियों को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। दोनों देश संयुक्त उपक्रम के जरिये रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडियाÓ कार्यक्रम के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और शोध समेत रक्षा उत्पादन के लिए सहयोग बढ़ायेंगे। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी से रक्षा उद्योग क्षेत्र में दीर्घकालिक, टिकाऊ और व्यावहारिक सहयोग का आधार तैयार करने के लिए दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों से 2018 में गहन विचार-विमर्श करने करने को कहा है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ लडऩे के लिए साइबर सुरक्षा समेत समग्र सहयोग के महत्व पर जोर देते कहा कि आतंरिक एवं जनसुरक्षा पर संयुक्त कार्यसमूह की अगली बैठक फरवरी में होगी। भविष्य मे होने वाले नवोन्मेष में युवकों की भूमिका के महत्व के मद्देनजर दोनों देश हर वर्ष विज्ञान के क्षेत्र के 100 विद्यार्थियों को एकदूसरे के यहां भेजने का फैसला किया।
दोनों देशों में महिला वैज्ञानिकों और तकनीशियनों का मजबूत नेटवर्क तैयार करने के मकसद से ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में भारत-इजरायल महिलाÓ विषय पर भारत में अक्टूबर 2018 में एक संगोष्ठी का आयोजन करने पर भी सहमति बनी है।
ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए दोनों नेताओं ने दोनों देशों के उद्योगों से इस क्षेत्र में नयी प्रौद्योगिकी के सहयोग की संभावनाएं तलाशने को कहा। दोनों देशों की कंपनियां सौर ताप प्रौद्याोगिकियों और ऊर्जा भंडारण के लिए ‘मेटल एअर बैटरीÓ के क्षेत्र में सहयोग के लिए तैयार हैं।
जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना में भारत की पहल का स्वागत करते हुए इजरायल ने इसमें सहयोगी देश बनने की इच्छा जाहिर की। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के लिए इजरायल में इसी वर्ष भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जाएगी। दोनों नेता आपसी जनता के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए 2019 से अपने -अपने यहां महोत्सव आयोजित करने पर भी सहमत हुए। दोनों देशों ने संयुक्त रूप से फिल्मों के निर्माण के लिए एक करार भी किया।
कृषि,जल, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में अन्य देशों में भी क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए संयुक्त कार्यक्रम तैयार करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्री इसी वर्ष बातचीत शुरू करेंगे। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के लिए इजरायल और फिलीस्तीन के बीच सभी प्रमुख मुद्दों के हल के वास्ते शांति वार्ता की जल्द बहाली के लिए अपने समर्थन की प्रतिबद्धता दोहरायी।