आप के 20 विधायकों की जा सकती है सदस्यता

नयी दिल्ली,19 जनवरी। चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के बारे में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी सिफारिश भेज दी है। माना जा रहा है कि उसने इन सभी विधायकों को विधान सभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया है। आयोग ने अपनी सिफारिश के बारे में कुछ भी कहने से इन्कार किया है लेकिन सूत्रों के अनुसार उसने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है। आप के विधायकों का लाभ के पद से जुड़ा यह मामला मार्च 2015 का है जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था। इसे लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने विरोध जताया था। श्री केजरीवाल के इस फैसले के खिलाफ वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। इस बीच दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति को उचित ठहराने के लिए ‘दिल्ली असेंबली (रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन) एक्ट-1997Ó में संशोधन से संबंधित विधेयक विधानसभा में पारित किया था।

इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करना था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे नामंजूर कर दिया था।
आप के विधायकों ने अगस्त 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए अपील की थी कि उन्हें अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित मामले पर सुनवाई करने से चुनाव आयोग को रोका जाए क्योंकि संसदीय सचिव के पद पर उनकी नियुक्ति 2016 में ही निरस्त की जा चुकी है।
इन विधायकों ने पिछले साल आयोग से भी अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ मामले की सुनवायी नहीं की जाए लेकिन आयोग ने उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था और इस मामले में 29 अगस्त 2017 को सुनवायी पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इसी बीच इन 21 विधायकों में से राजौरी गार्डन से विधायक जरनैल सिंह ने फरवरी 2017 में पंजाव विधान सभा चुनाव लडऩे के लिए दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद लाभ के पद के मामले में फंसे आप विधायकों की संख्या 20 रह गयी थी।
इन विधायकों में प्रवीण कुमार,शरद कुमार,आदर्श शास्त्री,मदन लाल,शिव चरण गोयल,संजीव झा,सरिता सिंह,नरेश यादव,राजेश गुप्ता,राजेष रिषि,अनिल कुमार वाजपेई,सोम दत्त,अवतार सिंह कालरा,विजेन्द्र गर्ग,कैलाश गहलोत,अल्का लांबा,मनोज कुमार ,नितिन त्यागी,सुखबीर सिंह और तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह शामिल हैं।
आप ने उसके विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने ऐसा करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपना एहसान चुकाया है। उसके विधायकों के पक्ष को आयोग ने कभी सुनने की कोशिश नहीं की।
दूसरी ओर कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने ताजा घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उनके आधे से अधिक विधायकों को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मंत्रिमंडल से हटाया जा चुका है और अब 20 विधायक अयोग्य घोषित होने वाले हैं । उन्होंने पूछा कि लोकपाल की बात करने वाली दिल्ली सरकार का लोकपाल कहा हैं।
उधर भाजपा ने भी इस मामले को लेकर आप पर निशाना साधा और कहा कि आयोग का आज का कदम दिल्ली सरकार के ताबूत पर आखिरी कील साबित होगी। आम आदमी पार्टी के कुशासन के लिए यह आंख खोलने वाला फैसला है। आप आदमी पार्टी की सरकार ने संविधान के प्रावधानों को तोड़ा है और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है।

अदालत से आप को तगड़ा झटका

नई दिल्ली,19 जनवरी। आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। लाभ के पद मामले में अपने 20 विधायकों चुनाव आयोग की ओर से अयोग्य ठहराने जाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश करने के खिलाफ आदमी आदमी पार्टी को कोर्ट ने फौरी राहत देने से मना कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा आप लोग वक्त रहते चुनाव आयोग के पास नहीं गए और नोटिस का जवाब तक नहीं दिया। कोर्ट ने विधायकों से सवाल किया आप चुनाव आयोग के संपर्क में क्यों नहीं रहे? जब आप लोग बुलाने पर भी नहीं गए, तो चुनाव आयोग इस मामले में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। गौरतलब है कि लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग की ओर से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश के बाद छह विधायक हाईकोर्ट पहुंचे। अब सोमवार को हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई।

इस बैठक में पार्टी के नेता राघव चड्ढा, विधायक कमांडो सुरेंद्र, अंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता शामिल थे।

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