पदमावत के विरोध में उग्र आंदोलन जारी

नई दिल्ली,24 जनवरी। फिल्म निर्माता निर्देशक संजय भंसाली की विवादास्पद फिल्म पदमावत को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरी झंडी दिखाने के बावजूद देश के विभिन्न राज्यों तथा शहरों में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा। कई शहरों में तोडफ़ोड़ हुई तथा आगजनी की भी वारदातें हुई। एक फिल्म को लेकर मचे बवाल में देश की कई करोड़ की सम्पत्ति स्वाहा हो गई।
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में करणी सेना के कथित कार्यकर्ताओं ने एक स्कूल बस पर हमला कर दिया। करणी सेना संजय लीला भंसाली की मूवी पद्मावत का विरोध कर रही है। गुरुग्राम में करणी सेना ने धमकी दी थी कि अगर यहां पर पद्मावत रिलीज की जाएगी तो वे थिएटर को निशाना बनाएंगे। बुधवार को करणी सेना के कार्यकर्ता मूवी का विरोध कर रहे थे। तभी वहां से गुजर रही एक स्कूली बस पर हमला बोल दिया। बस में बैठे बच्चों पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस पत्थरबाजी में दो बच्चे घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मूवी का विरोध कर रहे करणी सेना के कार्यकर्ताओं के पास ‘पेट्रोल बमÓ भी थे। इस हमले में स्कूल की बस के शीशे तोड़ टूट गए। प्रदर्शन कर रही भीड़ ने जब स्कूल बस को रोका और उस पर हमला किया तो बस में सवार टीचर ने सभी बच्चों को फर्श पर लेट जाने को कहा। इस हमले से बच्चे डर गए और वहां चीख पुकार मच गई। इस घटना पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा जो लोग तोडफ़ोड़ कर रहे हैं वो गुंडे हैं। किसी को भी तोडफ़ोड़ की इजाजत नहीं है। इसके बाद कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हालांकि, करणी सेना ने इस घटना की निंदा की है। करणी सेना ने कहा ये बिल्कुल गलत और कायराना हरकत है। राजपूतों का काम गुंडागर्दी करना नहीं है। मध्य प्रदेश के भोपाल में करणी सेना, राजपूत समाज सहित हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा डाल दिया। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। करणी सेना के सदस्य ऋषिराज ने कहा ‘करणी सेना फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देगी। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।Ó इसी तरह ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, रतलाम और मुरैना में भी प्रदर्शन जारी है। कई स्थानों पर लोगों ने टायर जलाकर और सड़क जाम कर यातायात बाधित करने की कोशिश की। कई जगह पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। राज्य के विधि एवं विधायी मंत्री रामपाल सिंह ने संभलकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार समाज और न्यायालय के सम्मान का ध्यान रखते हुए फैसले की समीक्षा करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी। पद्मावत विरोध की आग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी पहुंच गई।
क्षत्रिय समाज ने ‘चेतावनी रैलीÓ निकाली तथा संजय लीला भंसाली का पुतला फूंक कर विरोध व्यक्त किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई युवकों ने सिनेमा हॉल मालिकों एवं प्रबंधकों से मिलकर धमकी-भरे लहजे में फिल्म नहीं दिखाने की अपील की है।
हापुड़ के पिलखुआ सिनेमा हाल के बाहर नारेबाजी की गई। लखनऊ के जीपीओ पार्क स्थित गांधीजी की प्रतिमा के सामने एक संगठन ने फिल्म के विरोध में धरना दिया। आगरा में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा प्रदर्शन करेगा। संगठन के क्षत्रिय समाज की भावना को ध्यान में रखते हुए सिनेमाघरों से फिल्म का प्रदर्शन न करने का अनुरोध किया है।
कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित एक मॉल में नारेबाजी करते घुसी भीड़ ने मल्टीप्लेक्स में पथराव कर दिया। फिल्म के पोस्टर फाडऩे के बाद वेटिंग हॉल की कुर्सियां और मेज पलट दी। मल्टीप्लेक्स के मैनेजर ने 30-35 लोगों के खिलाफ बवाल, गाली-गलौज और मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई है।
ब्रजमंडल क्षत्रिय राजपूत महासभा के अध्यक्ष ठा.मुकेश सिकरवार के नेतृत्व में मंगलवार राजपूत हाथों में बंदूक, तलवार, गदा, कटार, फर्से से लैस होकर कृष्णा प्लाजा में एकत्रित हुए। यहां राजपूतों ने फिल्म निर्देशक भंसाली के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने प्रदेश में इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग थी।
उधर, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में कहा कि अदालत की ओर से प्रतिबंध पर रोक हटाने के बावजूद राज्य के अधिकतर सिनेमाघर मालिकों ने इसे प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया है। जो भी सिनेमाघर इसे प्रदर्शित करना चाहेंगे सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी। सूरत में पुलिस कमिश्नर सतीष शर्मा ने कहा कि फिल्म के विरोध में पिछले दिनों उग्र प्रदर्शन के सिलसिले में दर्ज पांच मामलों में अब तक 42 लोगों को पकड़ा गया है तथा 29 अन्य को चिन्हित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *