
बिजनौर (चिंगारी) । दिल्ली पब्लिक स्कूल बिजनौर के 100 छात्र-छात्राओं ने एजुकेशनल टूर के अंतर्गत जनपद के लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र बिजनौर टाइम्स एवं सांध्य दैनिक चिंगारी मुख्यालय का भ्रमण किया। इस दौरान बच्चों ने अखबार के प्रकाशन की प्रक्रिया को देखा और उसकी बारीकियों को समझने का प्रयास किया। इस दौरान बच्चों ने संपादनकर्मियों से कई रोचक प्रश्न भी पूछे और अपनी जिज्ञासा को शांत किया।

बच्चों के लिये यह बहुत रोमांचकारी अनुभव था । बच्चों ने जाना कि अखबार कैसे तैयार होता है। खबरें कहां से आती हैं और उन्हें कैसे अखबार में स्थान मिलता है। किस खबर का क्या महत्व होता है और कौन सी खबर किस पेज पर किस स्थान पर दी जानी चाहिए, यह जानने का प्रयास किया। बच्चों ने जहां तकनीकी ज्ञान हासिल किया, वहां कई व्यावहारिक पहलु भी जानने की कोशिश की। जैसे- खबरें कहां से आती हैं, कौन भेजता है और उनकी सत्यता कैसे जांची जाती है |
बच्चों के यह एक बिल्कुल नया अनुभव था। केवल एक बच्चे को छोड़कर बाकी 99 बच्चों ने

पहले कभी अखबार छपते हुए नहीं देखा था। इसलिये जैसे ही बिजनौर टाइम्स समूह संस्थान की हाईस्पीड वेब ऑफसेट प्रिटिंग मशीन चली, बच्चों का रोमांच सातवें आसमान पर पहुंच गया। प्रकाशन स्थल बच्चों के उत्साह और उमंग की अभियव्यक्ति से गूंज उठा। यह पल संपादन व प्रकाशनकर्मियों के लिये भी बहुत अद्भुत, सुखद व ऊर्जादायक रहे।
फ़ेक ख़बरों को लेकर
बच्चों ने चिंता जाहिर की

भले ही कम उम्र और छोटी क्लास के बच्चे थे, लेकिन उनकी चिंताएं बड़ी बातों को लेकर थी। जैसे एक बच्ची ने पूछा कि ‘आप फेक और टू खबर में अंतर कैसे करते हैं?’ बच्चों को बताया गया कि प्रिंट मीडिया (अखबार) में हर खबर की सत्यता को जांच करने के बाद ही प्रकाशित किया जाता है। अखबार में फेक खबर के लिये कोई जगह नहीं होती। गलत खबर छापने पर अखबार और उसके संपादक, प्रकाशक व संवाददाता के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। बच्चों को पूरक सवाल था कि सोशल मीडिया पर तो ज्यादातर खबरें फेक (फर्जी) होती हैं। संपादक द्वारा बताया गया कि इसीलिये आज भी प्रिंट मीडिया सूचना का सबसे विश्वसनीय माध्यम है।

