
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सीएम केजरीवाल समेत तमाम दिग्गजों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू चुनाव मैदान में हैं. विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कर 18 जुलाई को वोटिंग होगी। वहीं 21 जुलाई को काउंटिंग होगी। वोटिंग राज्यों के विधानसभा और संसद भवन में होगी। सांसदों के लिए संसद भवन के प्रथम तल पर कमरा नं- 63 में वोटिंग के लिए बूथ बनाए गए हैं जिनमें से एक बूथ फिजिकल चैलेंज्ड के लिए है। इसके लिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। बता दें कि वोटिंग बैलेट पेपर से की जाएगी। सांसदों को बैलट पेपर पर राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम के आगे अपनी वरीयता दर्ज करना होगा। वोटिंग की गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए बैलेट पेपर सीरियल नंबर की बजाए रैंडम तरीके से दिए जाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव में 9 विधायक संसद भवन में करेंगे वोटिंग जबकि लगभग 42 सांसद विभिन्न राज्यों के विधानसभा में वोटिंग करेंगे।
कुल वेटेज का आधा से ज्यादा वोट प्राप्त करना जरूरी
राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता नहीं घोषित किया जाता है बल्कि विजेता वह होता है जो सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा वोट प्राप्त कर लेता है। राष्ट्रपति चुनाव में पहले से ही यह तय होता है कि जीतने के लिए कितने वोटों की जरूरत होगी। इस बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए जो इलेक्टोरल कॉलेज है, उसके सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 10,98,882 है। तो जीत के लिए उम्मीदवार को कुल 5,49,442 वोट हासिल करने होंगे । जो प्रत्याशी वेटेज हासिल कर लेता है वह राष्ट्रपति चुन लिया जाता है।