उत्तर प्रदेश में बिजली महंगी करने की तैयारी…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तीन साल बाद बिजली कंपनियां दरों में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही हैं। इस हफ्ते बिजली कंपनियां दरों में 13 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंपने की तैयारी में हैं। सोमवार या फिर मंगलवार को बिजली कंपनियां वार्षिक राजस्व आवश्यकता और बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंपेगा। सूत्रों के मुताबिक, बिजली दरों में जो बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को दिए जाने की तैयारी हो रही है, उसमें घरेलू, ग्रामीण, कर्मशल समेत कई श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने रविवार को कहा है कि कंपनियों को दरें बढ़ाने के बजाय दरों को कम करने पर विचार करना चाहिए।
एक तरफ जहां बिजली कंपनियां दरों में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता परिषद ने मांग उठाई है कि बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से जो 25133 करोड़ रुपये अधिक वसूला है, उसके आधार पर उपभोक्ताओं को राहत दी जाए। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अगर इस आधार पर उपभोक्ताओं को राहत दी जाए, तो पांच साल तक बिजली दरों में सात प्रतिशत की कमी आसानी से की जा सकती है। परिषद ने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। परिषद इस मामले में पहले ही याचिका दाखिल कर चुका है।
‘दरें बढ़वाना चाहती हैं बिजली कंपनियां’
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियां की लाइन हानियां अधिक हैं। इस आधार पर बिजली दरों को बढ़वाना चाहती हैं। आयोग ने 2020-21 में 11.08 प्रतिशत और 2022-23 में 10.67 प्रतिशत वितरण हानियों पर बिजली दर का निर्धारण किया था। इस बार पावर कॉरपोरेशन की कोशिश है कि आयोग से 2023-24 और 2024-25 के लिए आरडीएसएस में प्रस्तावित 13 से 15 प्रतिशत वितरण हानियों को स्वीकृत करवाकर उसी के आधार पर बिजली दर में बढ़ोतरी प्रस्ताव दिया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *