वन्य जीव आने लगे तालाबों की ओर, अब शुरू होगा संघर्ष का दौर…

अफजलगढ़ (चिंगारी)। बढ़ते तापमान के चलते अमानगढ़ बाघ आरक्षित वन क्षेत्र में वन्य जीव पानी के लिए प्राकृतिक एवं कृत्रिम तालाबों की ओर आने लगे हैं, जिससे पीने के पानी के साथ- साथ वन्यजीवों के आपसी संघर्ष एवं जान का खतरा बढ़ गया है।
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ए.आर. रहमान बताते हैं कि अमानगढ़ टाइगर रिजर्व रेंज में मौजूद वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए वन क्षेत्र में लगभग 23 तालाब हैं, जिसमें 10 प्राकृतिक व 13 कृत्रिम तालाब मौजूद हैं। जिन्हें गर्मियों में विभाग द्वारा टैंकरों से पानी लाकर भर दिया जाता है। ताकि वन्यजीव अपनी प्यास बुझा सकें। परंतु साथ ही इस दौरान वन्य जीवों में | जीवन के लिए संघर्ष भी देखने को मिलता है। क्योंकि पानी की तलाश में रॉयल बंगाल टाइगर, गुलदार आदि इन तालाबों की ओर आते हैं और इस दौरान हिरण, सांभर व वन्य जीव उन्हें इन तलाब पर शिकार के लिए आसानी से मिल जाते हैं। जिससे इस दौरान वन्यजीवों में जीवन के लिए संघर्ष देखने के लिए मिलता है। वन्य क्षेत्र में गर्मी बढ़ने के साथ ही कृत्रिम जलस्त्रोतों के समीप वन्यजीव पेयजल के लिए आने लगे हैं। यही हाल जंगल के मध्य स्थित प्राकृतिक जल स्त्रोतों का भी है। बाघ, तेन्दुआ, हिरण, खरगोश, लोमड़ी व अन्य कई शाकाहारी व मांसाहारी वन्य जीवों का हाल एक सा ही है। वहीं 5. वन्य जीव पानी की तलाश में भटकते कुछ हुए सड़क किनारों तक पहुंच जाते हैं। जिसके बाद सड़क हादसों में कई वन्यजीवों की जान चली जाती है या वे शिकारियों के हत्थे भी चढ़ जाते हैं। गर्मियों में भोजन, पानी के तलाश में वन्य जीवों का रिहायशी इलाकों में आना आम बात है। जिससे मानव और वन्य जीव के बीच आपसी संघर्ष भी देखने को मिलता है।

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